मेवाड़ समाचार
भीलवाड़ा जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से रेफर मरीजों को अब महात्मा गांधी अस्पताल में तत्काल उपचार मिलेगा। पहले से ज्यादा तेज गति से मरीज़ का इलाज किया जा सकेगा । अब इसमें एक और नवाचार किया गया है।
नवाचार के तहत मरीज के अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी स्थिति व बीमारी की जानकारी पहुंच जाएगी। ऐसे में जिस विभाग के डॉक्टर को उसका इलाज करना है वह मौजूद नहीं होने पर मरीज से पहले ही अस्पताल में पहुंच जाएगा।
यह सब संभव हो पाया जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू की क्यूआर कोड रेफरल सिस्टम विकसित योजना से इस योजना के विकसित होने के बाद गंभीर नवजात, गंभीर प्रसुताएं, गंभीर घायल एवं हार्ट के मरीजों को तत्काल इलाज मिलेगा और मृत्यु दर में कमी आ पाएगी। योजना को जल्द मूर्त रूप देने के लिए मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई।
इसमें बताया गया कि रेफरल क्यू आर कोड सिस्टम के तहत, जब भी किसी मरीज को महात्मा गांधी अस्पताल में रेफर किया जाएगा, तो एक क्यूआर कोड प्रदान किया जाएगा।
इस कोड को स्कैन करने पर, आवश्यक सूचना जैसे कि मरीज का विवरण, रेफर करने वाले डॉक्टर का नाम, आपातकालीन प्रकार, निदान, सुपर स्पेशलिटी, और रेफर करने वाले संस्थान का नाम आदि इन्द्राज करना होगा। इन्द्रांज करने का काम मरीज के परिजन, एम्बुलेंस चालक, डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी कोई भी कर सकता जानकारी भरकर सबमिट करते है। ही इस सिस्टम के माध्यम से, जिला अस्पताल में मरीज के पहुंचने से पूर्व ही रेफर संबंधी जानकारी प्राप्त
हो जाएगी। इससे मरीजों को त्वरित और बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मिल सकेगी। एमजीएच में रेफर होकर आने वाले मरीजों के लिए ट्रोपोनिन टेस्ट की सुविधा भी 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि यह टेस्ट दिल के दौरे का पता लगाने व हृदय की मांसपेशियों में क्षति होने का पता लगाने में मदद करता है।
हृदय को जितना ज्यादा नुकसान होगा, खून में ट्रोपोनिन की मात्रा उतनी ही ज्यादा होगी। सीने में दर्द होने पर यह टेस्ट किया जाता है। अगर खून में ट्रोपोनिन का स्तर सामान्य से ज्यादा है, है। के हुए तो यह दिल की क्षति का संकेतक ट्रोपोनिन टेस्ट के नतीजे, दिल दौरे से दिल की मांसपेशियों को नुकसान की पुष्टि करते हैं।

Author: mewadsamachar
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