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जेल में मौत का मामला- 26 घंटे बाद बनी सहमति, प्रशासन और परिजनों के बिच हुई वार्ता से बनी बात

मेवाड़ समाचार

मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में विचाराधीन बंदी की जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद मृतक के परिजनों व समाजजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुये लगातार दूसरे दिन जिला अस्प्ताल की मोर्चरी पर जेल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर मृतक आश्रितों को मुआवजा, सरकारी नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

इस बीच, जेल विभाग के डीआईजी कैलाश त्रिवेदी भी मोर्चरी पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों से वार्ता की। करीब 26 घंटे बाद 25 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की कैंसर पीड़ित माता का इलाज कराने व भाई को संविदा पर नौकरी देने के आश्वासन पर सहमति बन गई। जिला कलेक्टर ने यह आश्वासन दिया।

बता दें कि कोटड़ी पंचायत समिति क्षेत्र बड़लियास थाने के बन का खेड़ा पंचायत के चावंडिया गांव का रहने वाला सांवरमल 31 पुत्र प्रहलाद ओझा मादक पदार्थ तस्करी मामले में 24 अगस्त 2023 से जिला जेल में बंद था। जेल प्रशासन का कहना था कि सांवरमल बिजली का काम जानता था। इसके चलते दो-चर माह से वह जेल में बिजली का काम करता था।

गुरुवार को सांवरमल जेल परिसर में ही दीवार पर लगी लाइट चैक करने सीढ़ी से चढ़ा। दोपहर करीब डेढ़ बजे 20 फीट की ऊंचाई से सांवरमल नीचे गिर पड़ा। उसे सिर में चोट आई। जेल डॉक्टर्स व स्टॉफ एंबुलेंस से सांवरमल को जिला अस्पताल ले गये। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

घटना के बाद दोपहर बाद परिजन जिला अस्प्ताल पहुंचे। जहां मृतक के भाई विष्णु कुमार ने जेल प्रशासन पर सांवरमल को प्रताड़ित करने के आरोप लगाते हुये कहा कि सांवरमल को बिजली काम ही नहीं आता था, उसे जबरन यह काम जेल प्रशासन ने सौंप दिया। जांच की मांग की है। वहीं जेल प्रशासन की ओर से उक्त हादसे को लेकर कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दी।

शव का मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया था। इस बीच, मृतक आश्रितों को मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग लोगों ने की, लेकिन गुरुवार को कोई सहमति नहीं बनी। इसके चलते पोस्टमार्टम भी नहीं हो सका।

आज सुबह भी मोर्चरी पर बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे। ये लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे और जेल प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। इसके बाद उदयपुर रेंज से जेल डीआईजी कैलश त्रिवेदी, जेल अधीक्षक भैंरूसिंह राठौड़, डीएसपी सिटी, कोतवाली प्रभारी सहित जाब्ता मोर्चरी पर पहुंचा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नारेबाजी के बीच अपनी मांगे जेल डीआईजी के समक्ष रखी। डीआईजी व मृतक के परिजनों व समाजजनों के बीच वार्ता हुई।

घटना के 26 घंटे बाद प्रशासन व मृतक के परिजनों के बीच सहमति बन गई। इसके बाद ही मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। मौत के कारणों की न्यायिक जांच होगी।

यह मिला आश्वासन

जेल बंदी सांवरलाल की संदिग्ध मौत के बाद से विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे प्रदर्शन पर 26 घंटे बाद ब्रेक लगा। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने 25 लाख का मुआवजे के साथ ही मृतक की मां जो कैंसर पीड़ित है,

उसका सरकारी खर्च पर इलाज व व मृतक के छोटे भाई को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया। मुआवजा राशि 25 लाख में से 5 लाख रुपये जेलकर्मी अपनी तनख्वाह से देंगे। इसके अलावा सरकारी योजनाओं व जनसहयोग से यह राशि दी जायेगी। जिला कलेक्टर के साथ बैठक में सांसद दामोदर अग्रवाल, जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, मोजूद थे।

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Author: mewadsamachar

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